हमारा मिशन आवारा, परित्यक्त गाय, बैल, सेवानिवृत्त बैलों
और अनाथ
बछड़ों की देखभाल करना है। हम उन्हें घास, आटा, ताजा घास, स्वच्छ पानी, चिकित्सा ध्यान और
एक जगह प्रदान करते हैं जहां वे चोटों से पुन: प्राप्त कर सकते हैं और शांति से रह सकते
हैं।
कोसंबा के पास स्थित खरच के प्राकृतिक पर्यावरण मे निर्मित
दताश्रेय आश्रम
में दतात्रेय भगवान के सानिध्य में मंदिर निर्माण, यज्ञशाला, गायों की रक्षा के लिए निर्माण
गौशाला का निर्माण किया गया है। आश्रम की स्थापना आचार्य भाविनभाई पंड्या और आचार्य मननभाई
पंड्याने अपने विचारों की अनूठी विचारशक्ति, पवित्र संस्कार और गुरुकृपा के आधार पर की है।
आश्रम का निर्माण 9 मई 2018 को लोगो के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के संचय को बढ़ाने
और ज्ञान का प्रसार करने के लिए किया गया है। दताश्रेय आश्रम विभिन्न धार्मिक अवसरों,
त्योहारों और महत्वपूर्ण दिनों जैसे गौ-पूजा, गौ-यज्ञ, चैत्र नवरात्रि, महागौरी पूजा,
लक्ष्मी पूजा, कमला-प्रयागपूजा आदि को भी मनाता है। यह भक्तों और भक्तों की पवित्रता और
भागीदारी के आधार पर किया जाता है।